केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती का है मॉर्निंग वॉक 

केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती का है मॉर्निंग वॉक

जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। जिसके लिए कोई व्यक्ति मॉर्निंग वॉक करता है, कोई योग करता है, कोई खेल खेलता है, कोई दौड़ लगाता है, कोई अपनी परिस्थितियों के अनुसार श्रम करता है परंतु हर व्यक्ति तन-मन-धन से स्वस्थ रहना चाहता है।

दुनिया के हर क्षेत्र, हर देश, हर धर्म में कोई ध्यान करके, कोई पूजा करके, कोई योग करके, कोई प्रार्थना करके, कोई माथा टेक कर सदैव तन-मन-धन को स्वस्थ रखने की कामना करते हैं।

मुजफ्फरनगर के अनेकों राजनेता, संत, उद्योगपति, डॉक्टर, व्यापारी, कंसलटेंट आदि प्रातः मॉर्निंग वॉक जाते हैं। इनमें से एक प्रमुख नाम केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान का भी है। जो लगभग प्रात: उठाना, घूमने जाना, एक्सरसाइज करना दिन भर ताजा रहना व जनता की सेवा करने का काम निरंतर करते हैं। इसी भागदौड़ भरी जिंदगी को तन-मन-धन से सुसज्जित रखने वाले डॉक्टर संजीव बालियान पिछले 3 वर्षों से जज्बा की दौड़ में आमजनों की साथ दौड़ लगाते हैं। जो लगभग 5 किलोमीटर की होती है

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान अपनी मॉर्निंग वॉक को बहुत सफल-सुखद बनाने के लिए कभी रेलवे स्टेशन चेक करते हैं, कभी रोडवेज चेक करते हैं, कभी कोई पुल चेक करते हैं, कभी किसी स्थान की साफ-सफाई चेक करते हैं, कभी किसी चौक की लाइट व्यवस्था चेक करते हैं, कभी सड़कों के गड्ढे चेक करते हैं, तो कभी सड़कों पर चल रहे यातायात को स्वयं व्यवस्थित करते हैं, तो कभी सड़क पर हुए एक्सीडेंट में मदद करते हैं। इस प्रकार अपनी मॉर्निंग वॉक को अपने साथियों की साथ चिंतन-ध्यान करते हुए अपने एवं ओरों के जीवन को खुशमय बना रहे हैं।
मुजफ्फरनगर की कुछ और राजनीतिक हस्तियां भी घूमने जाती है, जिससे आमजन प्रेरित होने के साथ-साथ अपनी बात मॉर्निंग वॉक के समय ही कह देता है।

गत दिनों कुछ खोजी पत्रकारों ने कई दिन निरंतर भागदौड़ के बाद एक दिन डॉक्टर संजीव बालियान को प्रातः 6:30 बजे जंगलों में घूमते देखा तो पाया कि सड़क दुर्घटना के कारण दुर्घटनाग्रस्त पिता-पुत्री को अपना सहयोग दे रहे है।

डॉक्टर संजीव बालियान के परम सहयोगी मित्र एवं नए काम करने वाली अलग सोच रखने वाले सत्यप्रकाश रेशू लगभग निरंतर उनके साथ मॉर्निंग वॉक पर पाए जाते हैं। जिनका मानना है कि जीवन में प्रतिदिन आने वाली समस्याओं के लिए वार्तालाप करने, निर्णय करने का सही समय मॉर्निंग वॉक ही हैं। जहां पर देश, धर्म, राजनीति, घर, परिवार, रिश्तेदार, सेवा आदि की बातें खुलकर हो जाती है

संजीव बालियान ने बताया कि दिसंबर-जनवरी की तेज सर्दी में मई-जून जैसा पसीना निकालने की मॉर्निंग वॉक हम मिलकर करते हैं। जो देश प्रेम से भरे होने की साथ-साथ विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करते हुए पूरे दिन तरोताजा रहते हैं। 6 से 8 घंटे की नींद रात को पूरी करते हुए सुबह फिर उठकर भगवान को नमन करके सबसे पहले मॉर्निंग वॉक करते हैं।

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