प्रधान पर दरिंदगी का आरोप लगा राज्य मंत्री के आवास पर धरने पर बैठी पीड़ित महिला और ग्रामीण
उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर मे कथित रूप से एक रेप पीड़िता और उसके समाज के लोगो ने पुलिस पर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही ना करने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में व्यवसायिक शिक्षा में कौशल विकास विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के आवास पर धरने पर बैठ गए । पीड़िता के परिजनों ने राज्य मंत्री कपिल अग्रवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
दरअसल उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के आवास पर पुलिस द्वारा इंसाफ ना मिलने पर रेप पीड़िता और उसके समर्थक राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के आवास पर धरने पर बैठ गए और कपिल देव अग्रवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जानकारी के अनुसार पिछले एक माह पूर्व मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव भिक्की निवासी एक महिला ग्राम पंचायत कार्यालय में सफाई कर्मी पद पर तैनात थी। महिला का आरोप है कि ग्राम प्रधान कपिल द्वारा उसे नौकरी से हटाने की धमकी देकर उसके साथ शारीरिक शोषण कर रहा था। जब भी महिला ग्राम प्रधान का विरोध करती तो आरोपी ग्राम प्रधान महिला को नौकरी से हटाने की धमकी और उसके पति को जान से मारने की धमकी देकर उस पर शारीरिक अत्याचार करता चला रहा था। एक दिन ग्राम प्रधान की यातनाओं से तंग आकर महिला ने ग्राम प्रधान के खिलाफ सिखेड़ा पुलिस में आरोपी ग्राम प्रधान और उसके अन्य साथी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने आरोपी प्रधान के खिलाफ धारा 354, 323, 504, 506 आईपीसी में मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन घटना के 1 महीना बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपी ग्राम प्रधान और उसके साथी को गिरफ्तार नहीं किया। महिला का आरोप है कि ग्राम प्रधान लगातार महिला उसके परिवार पर समझौते का दबाव बना रहा है साथ ही राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के करीबी होने का दावा करते हुए ग्राम प्रधान पीड़ित महिला को नौकरी से हटाने की धमकी भी दे रहा है। बार-बार पुलिस से शिकायत के बावजूद जब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया तो आज पीड़ित महिला और उसके परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के आवास पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के आवास पर धरना दे रही पीड़ित महिला का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक वह और उसके समाज के लोग धरना स्थल से नहीं उठाएंगे।
बाद में आश्वाशन पर धरना समाप्त किया गया