रामपुर तिराहा कांड की बलात्कार पीड़िता ने बयां किया दिल का दर्द
कड़ी सुरक्षा के साथ 29 साल में पहली कोर्ट में बयान के लिए आई पीड़िता
उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में चर्चित रामपुर तिराहा कांड में मंगलवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ कोर्ट पहुंची रामपुर तिराहा कांड की रेप पीड़िता का न्यायालय के सामने दर्द छलक उठा यहां तक की पीड़िता के आंसू तक निकल आए । रामपुर तिराहा कांड के लगभग 29 साल बाद पीड़िता ने कोर्ट में पेश होकर घटना के बारे में अपना बयान दर्ज कराते हुए अभियोजन के आरोपों का समर्थन किया कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई कड़ी पुलिस सुरक्षा में पीड़िता को उत्तराखंड के श्रीनगर से मुजफ्फरनगर कोर्ट तक लाइव इस दौरान कोर्ट में भी भारी पुलिस बल तैनात रहा
दरअसल उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के कुछ आंदोलनकारी 1 व 2 अक्टूबर 1994 की रात को देहरादून से दिल्ली जा रहे थे । जैसे ही आंदोलनकारी मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर पहुंचे तो पुलिस द्वारा बेरिकेटिंग लगाकर आंदोलनकारियों को रोका गया । इसी बीच आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई जिसके बाद पुलिस की ओर से लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोले छोड़े गए और आरोप है कि पुलिस में निहत्थे आंदोलनकारियों पर बर्बरता पूर्वक गोली चलाई जिसमें 7 आंदोलनकायों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि इस घटना में कई लोग घायल हो गए थे और कई महिलाओं के द्वारा पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म के आरोप लगाए गए थे । सीबीआइ ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। एडीजीसी परविंदर सिंह ने बताया, सोमवार को सरकार बनाम मिलाप सिंह आदि केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 शक्ति सिंह की कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से न्यायालय में मुकदमे की पीड़िता को श्रीनगर से भारी पुलिस सुरक्षा में लाकर गवाही के लिए पेश किया गया।
एडीजीसी परविंदर सिंह के अनुसार पीड़िता ने कोर्ट में पेश होकर बताया था कि गवाही देने में उसकी जान को खतरा है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय में सीबीआई के अधिवक्ता धारा सिंह मीणा, डीजीसी राजीव शर्मा और एडीजीसी परविंदर सिंह के अतिरिक्त अन्य का प्रवेश निषेध कर दिया। जिसके बाद पीड़िता के बयान दर्ज किए गए।
रामपुर तिराहा कांड में मारे गए लोगों के लिए रामपुर तिराहा पर बना है शहीदी स्मारक प्रतिवर्ष उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रामपुर तिराहा कांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए जरूर आते हैं