नीम हकीम खतरे जान की कहावत हुई चरितार्थ, चिकित्सक की लापरवाही से महिला की हालत बिगड़ी

नीम हकीम खतरे जान की कहावत हुई चरितार्थ

चिकित्सक की लापरवाही से महिला की हालत बिगड़ी

  • उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में एक पुरानी कहावत नीम हकीम खतरे जान उस समय चरितार्थ हो गई एक चिकित्सक के उपचार से एक महिला की जान पर बन आई महिला की हालत है कि बिजली की कोई उम्मीद नहीं पीड़ित महिला का इलाज गाजियाबाद के एक हॉस्पिटल में जारी है महिला की हालत बिगड़ने के बाद महिला के परिजनों व भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने चिकित्सक पर उपचार में लापरवाही बरतने तथा गैर कानूनी तरीके से अस्पताल चलाये जाने का आरोप लगाया है। भीम आर्मी ने आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग को लेकर भोपा थाने पर हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया है। भीम आर्मी ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई न की गयी, तो वह आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। पुलिस ने भीम आर्मी के कार्यकर्ताओ को आश्वासन दिया है कि वह मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे।

दरअसल जनपद मुजफ्फरनगर के थाना भोपा क्षेत्र के गांव रहकड़ा मे बने एक निजी हॉस्पिटल एक महिला का इलाज चल रहा था। चिकित्सक द्वारा महिला को जो दवाइयां दी जा रही थी, उन्होंने रिएक्शन कर दिया और महिला की हालत बिगड़ गयी। महिला के पति पूरनलाल पुत्र गोरेलाल निवासी एकता विहार जनपद मुजफ्फरनगर ने जानकारी देते हुए बताया कि उसकी पत्नी रजनी को घुटनों में दर्द की परेशानी थी, जिसे दिखाने के लिए भोपा थाना क्षेत्र में बने एक हॉस्पिटल में ले आए, जहां पर 5 मई को पीड़ित की पत्नी का इलाज शुरू हो गया तथा वह 5 दिन की दवाई लेकर वापस अपने घर लौट गए। डॉक्टरों द्वारा लगातार उसे पांच दिन बाद उपचार के लिए बुलाया गया, लेकिन पीड़ित की पत्नी को आराम नहीं लगा। पीड़ित की पत्नी ने अस्पताल से लगभग 20 दिन दवाई खाने के बाद आराम नहीं लग पाया तो पीड़ित द्वारा डॉक्टरों को इस बात की जानकारी दी गई, जिस पर डॉक्टरों द्वारा मरीज को दवाई बदलकर दे दी। आरोप है कि दवाई खाने के कुछ दिन बाद पीड़ित की पत्नी को पूरे शरीर पर काले निशान हो गए तथा देखते ही देखते वह खाने पीने में असमर्थ हो गई, जिससे पीड़ित का परिवार अचानक घबरा गया तथा डॉक्टरों से फोन पर बात की, जिस पर डॉक्टर ने मरीज को अस्पताल में लाने की बात कही तथा पीड़ित मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे। मरीज को देख डॉक्टर द्वारा इलाज करने से मना कर दिया गया तथा अन्य हॉस्पिटल में ले जाने की सलाह दी, जिस पर आनन-फानन में पीड़ितों द्वारा महिला को गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उसका उपचार चल रहा है। पीड़ित ने बताया कि उसकी पत्नी का इलाज इतना महंगा हो गया कि वह अब तक लाखों रुपए उस पर खर्च कर चुका है, वही पीड़ित ने बताया कि अन्य डॉक्टरों ने शरीर के ऊपर निशान होने को गलत दवाई देने की बात कही है, जिस कारण पीड़ित की पत्नी के शरीर पर दवाई का रिएक्शन हो गया है। भीम आर्मी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने भोपा थाने पर चिकित्सक के खिलाफ तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न हुई, तो वह आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर लेकर कार्रवाई किये जाने का आश्वासन दिया है।

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