केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के समक्ष रखी अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने अपनी मांगे

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के समक्ष रखी अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने अपनी मांगे


उत्तर प्रदेश में पंचायत राज व्यवस्था में बदलाव के बाद अखिल भारतीय प्रधान संगठन सड़क पर आकर अपने हकों की लड़ाई लड़ रहा है मगर अखिल भारतीय प्रधान संगठन द्वारा सभी हथकंडे अपनाने के बाद भी उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही जिसके चलते अखिल भारतीय प्रधान संगठन के पदाधिकारी पिछले कई महीने से लगातार प्रधानमंत्री के नाम सांसदों से पत्र लिख पा रहे हैं कोई सांसद प्रधानों की मांगों का समर्थन कर रहा है तो कोई इन्हें चोर भी बता रहा है जहां एक और भाजपा के सभी सांसद प्रधानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं मगर विपक्ष के एक राज्यसभा सांसद ने प्रधानों के हौसले बढ़ाने के बजाय उनके हौसले तोड़ने का काम किया है। इसी को लेकर 7 अप्रैल को मुजफ्फरनगर में आयोजित पशु मेले एवं कृषि प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के तौर पर आए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से अखिल भारतीय प्रधान संगठन के लोगों ने मुलाकात की और अपनी मांग रखी जिसमें प्रधानों की मांग है कि
1- सहायक सचिव कम डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, शौचालय केयरटेकर एवं प्रधान के मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधन से किया जाये तथा प्रधान का मानदेय उनके द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षामित्र रोजगार सेवक तथा पंचायत सहायक से अधिक किया जाए
2- सम्पूर्ण भारत में एक समान पंचायती राज व्यवस्था लागू करते हुए वर्ष 1993 में पारित 73वां संविधान संशोधन विधयेक के तहत 29 विषय व उनसे जुड़े अधिकार, कोष, कार्य और पंचायत कर्मिया को पंचायतों को सौंपकर सत्ता विकेन्द्रीकरण की आदर्श व्यवस्था लागू की जायें।
3- जनता द्वारा निर्वाचित प्रधानों को अकारण भ्रष्ट समझकर संदेह करने व परेशान एवं हतोत्साहित करने के लिए मनरेगा योजना में कार्यस्थल पर ही NMMS के माध्यम से दिन में दो बार उपस्थिति प्रमाणित करना अनिवार्य किया गया है, जबकि अधिकांश ग्रामों में नेटवर्क की समस्या के कारण NMMS ऐप के माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति अंकन नहीं हो पा रहा है तथा मस्टरोल शून्य होने जा रहा है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग (MGNREGA Division) द्वारा जारी 23 दिसम्बर 2022 के उक्त आदेश को वापिस लिया जाए तथा 213 रूपये प्रतिदिन मजदूरी पर मजदूर काम करने को तैयार नहीं है जिसे बढ़ाकर कम से कम 400 रुपए प्रतिदिन किया जाए
4 – राज्य वित्त आयोग में प्रशासनिक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए
5 – पंचायत से जुड़े राजस्व कर्मी पंचायत कर्मी आंगनवाड़ी राशन कोटेदार व प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों की उपस्थिति कार्य प्रमाणन निलंबन की संस्तुति सहित सभी मामलों में पंचायत को पूर्ण अधिकार दिया जाए

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