मुजफ्फरनगर पहुंचे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रधान पीठ नई दिल्ली के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने पर्यावरण को लेकर कही बड़ी बात

मुजफ्फरनगर पहुंचे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रधान पीठ नई दिल्ली के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने पर्यावरण को लेकर कही बड़ी बात

उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में श्री राम कॉलेज में पर्यावरण की सुरक्षा में कानून और शासन की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रधान पीठ नई दिल्ली के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने पर्यावरण को लेकर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि मै कानून का विद्यार्थी हूॅं और वो पहली पीढी हॅूं जो वातावरण को दूषित होते देख रही है लेकिन वो आखिरी पीढी नहीं जो पर्यावरण की समस्या का समाधान नहीं कर पायें। उन्होंने महात्मा गॉधी के कथन को स्पष्ट करते हुये कहा कि प्रकृति के पास मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के सम्पूर्ण संसाधन है परन्तु वो मनुष्य के लालच को पूरा नहीं कर सकती। आज के युग में प्रकृति हमें बार-बार आने वाले भूकम्प, बाढ, प्राकृतिक आपदायें के रूप में चैतावनी दे रही है। उन्होंने कहा कि लगातर बढती ग्लोबल वार्मिंग की समस्या आने वाली भयानक आपदाओं का सूचक है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इंसान का अस्तित्व पृथ्वी के बिना कुछ नहीं है। उन्होंने आगे बोलते हुये कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रभावी सकारात्मक कदम उठाना चाहिये जैसे वो कदम श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज, मुजफ्फरनगर शिक्षा के माध्यम से उठा चुका है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही हजारों साल के पर्यावरण के भविष्य को संचित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पूर्वजों ने संस्कृति के माध्यम से मानव और प्रकृति के बीच सामंज्स्य स्थापित किया। जिस तरह से हमारे पूर्वजों पर्यावरण संबंधी नियमों का पालन करते थे उसी तरह हमें उनके द्वारा बनाये गये नियमों का पालन करना चाहिये। हमें नदी, पहाडों व प्राकृतिक संसाधनों को उन्हीं की तरह महत्व देना चाहिये। उन्होंने प्रकृति को सम्बोधित करते हुये उदाहरण दिया कि जिस डाली पर हम बैठे है उसी डाली को काट रहे है तो क्या यह एक मूर्खता पूर्ण कार्य नहीं है? क्या हमें पर्यावरण संरक्षण का प्रयास नहीं करना चाहिये। उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि एनजीटी पर्यावरण को लेकर बेहद चिंतित है और इसको लेकर काम भी कर रही है
वही कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डा. अफरोज अहमद विशेषज्ञ सदस्य प्रिंसिपल बेंच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली ने पर्यावरण के बारे में बताया कि नर्मदा परियोजना के विषय में बताया कि इसका कुछ लोगो ने विरोध किया तथा बहुत लोगो ने सर्मथन किया। परन्तु उनकी कडी मेहनत के कारण नर्मदा परियोजना को सफल बनाया गया व इस परियोजना का श्रेय माननीय प्रधानमंत्री 2018 में प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रकृति के रूप में ईश्वर ने नदी, नालो, पेड-पौधों और मानव व पशु को बनाया कि जब ईश्वर ने मानव को इस पृथ्वी पर भेजा है तो प्रकृति की सुरक्षा के लिये सामंज्स्य रखने का कार्य करना चाहिये। अतः हमकों इसकी सुरक्षा कैसे करनी है यह हम सब जानते है और यही हमारी सबसे बडी भूल है कि हम अपने कर्त्तव्यों का पालन नहीं करते है। प्राचीन समय में व्यक्ति प्रकृति के साथ सामंज्स्य बनाकर रहता था परन्तु कुछ समय से मानव इस सामंज्स्य से खिलवाड कर रहा है जिससे प्रकृति का रूप नष्ट होता जा रहा है। आज इंसान का अस्तित्व प्रकृति की ही देन है क्योकि कुदरत ने कोई भी ऐसी चीज नहीं बनाई जो पर्यावरण से अलग हो, पर्यावरण को हमने चर्चित तो बहुत किया है परन्तु इस पर ध्यान नहीं दिया। पहले पर्यावरणीय अध्ययन की शिक्षा नहीं थी परन्तु अब इस पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केवल सजा देना व जुर्माना लगाना ही पर्यावरण सुरक्षा का प्रावधान नहीं है बल्कि अधिक से अधिक मात्रा में पौधों को लगाना, नदियों को बचाना पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य करना बहुत आवश्यक है। जल की महत्वता पर कुछ देशों का उदाहरण देते हुये उन्होंने जल सुरक्षा के लिये नदी तालाबों को पुनः स्थापित करने के लिये जोर दिया

इस दौरान रिटायर्ड मेजर जनरल डा. श्रीपाल ने कहा कि प्रदूषण के नाम पर केवल किसानों को बदनाम कर दिया जा रहा है दो गाड़ीयों से ज्यादा प्रदूषण एक साल में दिल्ली में एक कुत्ता कर रहा है उन्होंने कहा कि पराली और फसल वेस्टेज को लेकर किसानों को जागरूक करने की जरूरत है क्योंकि पराली जलाने की जरूरत नहीं है पराली से कई प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं

इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के संस्थापक चेयरमैन डा. एससी कुलश्रेष्ठ ने बोलते हुये कहा कि प्रकृति ही प्रकृति के विनाश का कारण है। उन्होंने कहा कि जब तक कानून बनाकर सजा का प्रावधान नहीं होगा तब तक पर्यावरण की सुरक्षा करना मुश्किल है। उन्होंने नमामि गंगा व स्वस्थ भारत की भी व्याख्या करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण सुरक्षा हेतु बडे सराहनीय कदम उठाये है, परन्तु बिना जनसहयोग के सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यक्रमों को सकारात्मक आकार देना सम्भव नहीं है। उन्होने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र मे श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के योगदान के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज उत्तर प्रदेश के ऐसे संस्थानों में शुमार है जहॉं पर्यावरण संबंधित सभी निति एवं नियमों का पालन बेहद गम्भीरता से किया जा रहा है । उन्होने कहा कि जापान की सहायता से संस्थान में 180 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित है। उन्होने बताया कि श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज मात्र एक ऐसा संस्थान है जहा पर ग्रीन टॉयलेट की व्यवस्था है।
सेमिनार का दूसरा चरण प्रश्नकाल के रूप में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी, न्यायिक सदस्य प्रधान पीठ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली, कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में माननीय डा. अफरोज अहमद विशेषज्ञ सदस्य प्रिंसिपल बेंच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली, डा. ए.के. शर्मा, डीन, फैकल्टी आफ लॉ, मॉ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, रिटार्ड मेजर जनरल डा. श्रीपाल, व डा. पूनम शर्मा, प्राचार्य श्रीराम कॉलेज आफ लॉ उपस्थित रहे।
दूसरे चरण में श्रीराम कॉलेज आफ ला के विद्यार्थियों ने न्यायपमूर्ति व वरिष्ठ अतिथियों से ओसी सिंह, सुरभी, लारेब जमीर, तुषार मलिक, सना कुरैशी, माही, शंशाक अग्रवाल, सान्या, प्रज्जवल धनघर, बुशरा खान, आयुषी, कुलमिलन, हुरैन, इकरा, साजिद, तब्बसुम, आयान त्यागी, मसीहा खान, अमन नईम, सिदरा, मुकूल आनंद, वंशवर्धन, उर्वशी तोमर, शिरिन व शीतल के द्वारा कानून संबंधी प्रश्न पूछे गये।
इस अवसर पर डाइस पर उपस्थित लोगो में श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के संस्थापक चेयरमैन डा. एससी कुलश्रेष्ठ, मुख्य अतिथि के रूप में माननीय न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी, न्यायिक सदस्य प्रधान पीठ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली, कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में माननीय डॉ अफरोज अहमद विशेषज्ञ सदस्य प्रिंसिपल बेंच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली, डा. ए.के. शर्मा, डीन, फैक्ट्री आफ लॉ, मॉ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर रिटार्ड मेजर जनरल डा. श्रीपाल, डा. राजेश्वर त्यागी व प्रमोद त्यागी वरिष्ठ अधिवक्ता डा. अशोक कुमार, निदेशक श्रीराम कॉलेज, मुजफ्फरनगर, डा. पूनम शर्मा, अध्यक्षा एसआरजीसी आदि रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीराम कॉलेज आफ लॉ के प्रवक्ता प्रोफेसर प्रशांत चौहान ने किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री राम कॉलेज ऑफ लॉ के प्रायार्चा डा. पूनम शर्मा, संजीव कुमार, सोनिया गौड, राखी ढिलोर, आंचल अग्रवाल, अनु चौधरी, सबिया खान, रेखा ढिलोर, प्रषान्त चौहान, राममनु प्रताप सिंह, विनय तिवारी, त्रिलोक चंद का सराहनीय योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *