दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में अभियोजन पक्ष और आरोपी व्यक्तियों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार भी इस मामले के 17 आरोपियों में से एक हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने शनिवार को वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आरोपों पर आदेश सुरक्षित रख लिया। पुलिस ने इस हत्याकांड में पहलवान सुशील कुमार सहित कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपी व्यक्तियों की मंशा सागर धनखड़ की हत्या करने की थी। वहीं, दूसरी ओर, आरोपी व्यक्तियों ने कहा कि यह हत्या का मामला नहीं है, बल्कि गैर इरादतन हत्या का है, जो हत्या की श्रेणी में नहीं आता है।
आरोपी सुशील कुमार के अलावा अन्य आरोपियों के वकीलों ने भी अदालत के समक्ष दलील दी कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला नहीं बनता है। सुशील के वकील एडवोकेट आर.एस. मलिक ने शुक्रवार को कहा कि यह धारा 302 (हत्या) का मामला नहीं है, बल्कि 304 (गैर इरादतन हत्या) आईपीसी का मामला है। वकील मलिक ने तर्क दिया कि मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के लिए लगी चोटें पर्याप्त नहीं थीं।