RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है। 5 फरवरी को रविदास जयंती के उपलक्ष पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बयान दिया है।
भागवत ने कहा कि दूसरों ने हमारे समाज के बंटवारे का फायदा उठाया और इसी बंटवारे को लेकर हमारे देश में आक्रमण भी हुआ। बाहर से आये लोगों ने भी इसका फायदा उठाया देश में हिन्दू समाज के नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? आपको यह बात कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता आपको खुद समझना होगा। हमारे आजीविका का अर्थ समाज के प्रति जिम्मेदारी भी होती है।हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा, या कोई अलग कैसे हो सकता है?
मोहन भागवत आगे कहते हैं- भगवान हमेशा कहते हैं कि मेरे लिए सभी एक हैं।कोई जाति, वर्ण नहीं है।लेकिन पंडितों ने खुद ही श्रेणी बनाई, जो कि गलत था। विवेक, चेतना देश में सभी एक है इसमें कोई अंतर नहीं है। बस सभी के मत अलग-अलग हैं। किसी भी तरह के धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की, बदलता है तो धर्म ही छोड़ दो। सभी संत रविदास, तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे, इसलिए संत शिरोमणि कहलाते थे।संत रविदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने विश्वास दिया कि भगवान हैं। यह 4 मंत्र पहले सत्य, करुणा, अंतर पवित्र, सतत परिश्रम और चेष्टा संत रविदास ने समाज को दिए हैं।भागवत ने कहा कि इसी कारण से समाज के बड़े-बड़े लोग संत रोहिदास के भक्त बने। वर्तमान की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए आप किसी भी हाल में धर्म ना छोड़िए।जितने भी बुद्धजीवी आज तक हुए उन सभी का कहने का तरीका कुछ भी हो लेकिन मकसद हमेशा एक रहा- धर्म से जुड़े रहो। हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं ।