अल नूर मीट प्लांट मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित 16 आरोपी कोर्ट से बरी

अल नूर मीट प्लांट मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित 16 आरोपी कोर्ट से बरी

जनपद मुजफ्फरनगर में बहुचर्चित अल नूर मीट प्लांट मामले में भाजपा के पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित 16 आरोपियों को कोर्ट ने गवाहों के बयान और सबूत के अभाव में बरी कर दिया है क्योंकि इस मामले में मुकदमा अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया था और भारी भीड़ मौजूद होने के बावजूद गवा आरोपियों को नहीं पहचान पाए इसलिए सुनवाई के बाद विशेष एमपी एमएलए कोर्ट एडीजे कोर्ट नंबर 3 गोपाल उपाध्याय की अदालत ने पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक, आर एस एस के ओंकार सिंह, क्रांति सेना के ललित मोहन शर्मा, भाजपा नेता संजय अग्रवाल, राजीव मित्तल, ललित पांचाल, राजेश गोयल, रामानुज दुबे, राजेश्वर आर्य, सरोज पाल आर्य, आर्य समाज के धर्मेंद्र तोमर, नरेंद्र पवार, शरद कपूर, अनिल कुमार , संजीव कौशिक, पुनीत गुलाटी सहित सभी 16 आरोपियों को बरी कर दिया है विशेष कोर्ट एमपी एमएलए गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में फैसला सुनाए जाने के बाद सभी हिंदूवादी नेताओं के चेहरे पर खुशी झलक उठी

भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सिंह सैनी को दंगे के एक मामले में 2 वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद अल नूर मीट प्लांट मामले में फंसे पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक सहित सभी 16 हिंदूवादी नेताओं में दहशत बनी हुई थी मगर 2016 में दर्ज इस मुकदमे में 17 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है पूर्व विधायक उमेश मलिक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और स्वागत करते हैं और जिस तरह तत्कालीन केंद्र की भाजपा सरकार और प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार के द्वारा अल नूर मीट प्लांट मामले में उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करा था आज उन्हें कोर्ट से इंसाफ मिल गया है क्योंकि उस समय अलनूर मीट प्लांट में गोकशी की जा रही थी और मीट प्लांट का गंदा पानी जमीन में नीचे उतारा जा रहा था उसी के विरोध में उन्होंने वहां शांतिपूर्वक तरीके से यज्ञ हवन का आयोजन किया था जबकि मीट प्लांट के कर्मचारी उसका विरोध कर रहे थे और यह मीट प्लांट कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के रिश्तेदार अजय सूद व विजय सूद की बताई जा रही है इसी वजह से उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे
गौरतलब है कि अल नूर मीट प्लांट मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद गठित की गई एमपी एमएलए कोर्ट इलाहाबाद मैं यह मामला चला मगर उसके बाद जनपद स्तर पर विशेष कोर्ट एमपी एमएलए बनाए जाने के बाद फिर यह प्रकरण मुजफ्फरनगर एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया जिसमें कोर्ट में ट्रायल जारी था जिसका आज फैसला आया है

इस मामले में हिंदूवादी नेता यज्ञ मुनि महाराज के लापता चलने के कारण आरोपियों को इस मुकदमे से अलग किया गया था यज्ञ मुनि महाराज, राजू धीमान, रविंद्र और मोहन बाबा को मुकदमे से अलग किया गया था उनका मुकदमा ट्रायल पर है

 

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