केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव जी के साथ दिल्ली में हुई बैठक
प्रमोद कुमार की मेहनत लाई रंग होगा समस्या का निवारण
एनसीआर में कोयले के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किए जाने के संदर्भ में माननीय केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक जोर बाग स्थित इंद्रा पर्यावरण भवन में संपन्न हुई। बैठक में दिल्ली एनसीआर के कंस्ट्रक्शन से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और व्यापारियों की बात पहले सुनी गई। उसके बाद एनसीआर में भट्टा मालिकों के सामने आ रही कोयला प्रतिबंधित किए जाने की समस्या पर विस्तार से चर्चा हुई। माननीय केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान, माननीय सांसद अरविंद शर्मा, माननीय सांसद धर्मवीर चौधरी, माननीय सांसद संजय भाटिया जी ने माननीय पर्यावरण मंत्री जी के समक्ष विस्तार से एनसीआर में आ रही परेशानियों को रखा। डॉ संजीव बालियान ने कहा कि हम खुशी से एनसीआर में शामिल हुए थे लेकिन आज हमारे पास जनता को समझाना मुश्किल हो रहा है। आंदोलन जनकल्याण के संयोजक और ईट निर्माता कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने माननीय पर्यावरण मंत्री जी को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय मंत्री जी मैं पिछले एक महीने से इस बैठक हेतु प्रयास कर रहा था और सौभाग्य से आज हम आपके समक्ष बैठे हैं। माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह जी ने कहा था कि आप एक दयालु व्यक्ति हैं और आपकी बात सुनी जाएगी उसी अपेक्षा से हम चाहते हैं कि आप हमें एकदम शूट करने के बजाए राहत प्रदान करें। प्रमोद कुमार ने आगे कहा कि कोविड-19 के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर सभी उद्योग धंधे और भट्टे चल रहे थे मात्र वाहन बंद थे और उस समय एनसीआर में कोई प्रदूषण नहीं था। सभी की बात पर गौर करते हुए माननीय मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पहलुओं पर गौर करते हुए 20 जनवरी तक रिपोर्ट तैयार करें और उसके बाद पुनः 25 तारीख में बैठक होगी। बॉन्डेड लेबर पर भी माननीय मंत्री जी ने आश्वासन दिया कि इसका भी निदान किया जाएगा। इस मौके पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से श्रीमान कुट्टी साहब, पर्यावरण मंत्रालय, सीपीसीबी के अधिकारीगण और ऑल इंडिया के महामंत्री ओमबीर भाटी, जयकरण गुप्ता, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष अजीत यादव, महामंत्री रजनीश जैन, कोषाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, महावीर गुलिया और एनसीआर समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र चौहान, विक्रम राणा और अन्य कई पदाधिकारी गण मौजूद रहे।