संत निरंकारी मिशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में
177 श्रद्धालुओं ने किया रक्तदान
मुजफ्फरनगर, 24 अप्रैल। मानवता व विश्वबन्धुत्व को समर्पित सन्त निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा सन्त निरंकारी चौरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में मानवता के मसीहा युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में आयोजित मानव एकता दिवस के अवसर पर 42वें रक्तदान शिविर का आयोजन रूड़की रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन के प्रांगण में किया गया। जिसमें सन्त निरंकारी मिशन के 177 श्रद्धालु भक्तों एवं सेवादारों द्वारा निःस्वार्थ भाव से रक्तदान किया गया, जबकि 259 भाई-बहनों ने अपना पंजीकरण कराया। रक्त एकत्रित करने हेतु जिला चिकित्सालय के डॉ. परवेज आलम, डॉ. अशरफ हुसैन व डॉ. पीके त्यागी के निर्देशन में ब्लड बैंक की टीम के सदस्यों शमशेर सिंह, आबिद, पंकज, राहुल, कँवरपाल, आजाद, श्रीपाल व निपेन्द्र ने रक्तसंग्रह किया। इस अवसर पर सत्संग समारोह भी आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता जोनल इन्चार्ज कुलभूषण चौधरी जी ने की। इस अवसर पर क्षेत्रीय संचालक सेवादल संजीव कुमार, ज्ञान प्रचारक सत्यपाल सिंह, संचालक नवीन कुमार एवं शिक्षक दीपक त्यागी, अनुपम कुमार, हेमन्त अरोरा, शैलेन्द्र कुमार त्यागी (पीईएस) व गणमान्य व्यक्तियों सहित जनपद मुजफ्फरनगर की अनेक शाखाओं से आये मुखी महात्मा व साध-संगत उपस्थित थीं।
जोनल इन्चार्ज कुलभूषण चौधरी जी ने कहा कि रक्तदान करके हम जीवन (मौत) से जूझ रहे इंसान की जान बचाते हैं। इसलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। मानवता की सेवा करते हुए सन्त निरंकारी मिशन अपना अमूल्य योगदान दे रहा है, यह वास्तव में प्रशंसीय है। यह दिन युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी के परोपकारी जीवन एवं उनकी लोक कल्याण की भावना को समर्पित है। जिन्होंने आध्यात्मिक जागृति के माध्यम से आपसी भाईचारे एवं मिलवर्तन का विश्वभर में संदेश दिया। साथ ही सेवा के पुंज समर्पित गुरू-भक्त चाचा प्रताप सिंह जी व अन्य भक्तों को भी इस दिन स्मरण किया जाता है।
जिला संयोजक हरीश कुमार ने कहा कि युगप्रर्वतक बाबा गुरबचन सिंह जी ने ब्रह्मज्ञान की दिव्य दात द्वारा मानव को मानव से जोड़कर प्रेम और मिठास की सदा बहने वाली निर्मल धारा को प्रवाहित कर हर हृदय में अपना स्थान बनाया। उनकी इन्हीं दिव्य सिखलाइयों को वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज सत्य के प्रकाश पुँज रूप में प्रवाहित कर रहे हैं, जिसकी रोशनी से हर मानव अपने जीवन का सकारात्मक रूप में कल्याण कर रहा है। उन्होंने रक्तदान शिविर में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों सहित डॉक्टर एवं उनकी टीम का तथा रक्तदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया गया।
मीडिया सहायक सुशील अंश ने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी ने मानवता को यह संदेश दिया कि – ‘‘रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं‘‘। युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा सन् 1986 से आरम्भ हुई परोपकार की यह मुहिम महाअभियान के रूप में आज अपने चरमोत्कर्ष पर है। इन शिविरों में अभी तक 13,31,906 यूनिट रक्त मानवमात्र की भलाई हेतु दिया जा चुका है और यह सेवाएं निरंतर जारी है।
कार्यक्रम में सेवादल के संचालक नवीन कुमार एवं शिक्षक दीपक त्यागी के निर्देशन में सेवादल के भाई-बहनों ने बढ़-चढ़कर उत्साहपूर्वक अपनी सेवाओं को निभाते हुए पूर्ण योगदान दिया।