नाबालिग से बलात्कार पर कोर्ट ने सुनाई 30 साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना

नाबालिग से बलात्कार पर कोर्ट ने सुनाई 30 साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना

उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में न्यायालय विशेष न्यायाधीश पोस्ट को प्रथम के पीठासीन अधिकारी न्यायधीश रितिश सचदेवा की कोर्ट ने 5 साल की एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करने के आरोपी को दोषी मानते हुए 30 साल के कारावास और 50 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। बलात्कारी ने अपने माता-पिता के साथ मेला देखने गई 5 साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसे जंगल में ले जाकर उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था जिसके बाद पीड़िता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था
मामला थाना जानसठ कोतवाली क्षेत्र का है जहां गत 22 मार्च 2019 की रात्रि लगभग 9:00 बजे एक 5 साल की मासूम बच्ची अपने माता पिता के साथ दुर्गा मेला देखने जा रही थी तभी बच्ची अपने माता पिता से अचानक अलग हो गई इसका लाभ आरोपी शंकर निवासी पिपरा हेडा बिहार ने फायदा उठाते हुए मासूम बच्ची को अगवा कर जंगल में ले गया और उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया जिसमें लगभग 10:30 बजे पीड़िता अपने माता-पिता को रोटी भी लगती बद हवास हालत में मिली जिसके बाद उसे गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया वही पीड़ित परिवार की ओर से 23 मार्च 2019 को आरोपी शंकर निवासी पिपरा हेड़ा बिहार के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 77/ 2019 आईपीसी की धारा 370 (A) (B), 5/6 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक विक्रांत राठी और प्रदीप बालियान ने की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कुल 7 गवाह पेश किए गए मुकदमे की सुनवाई के बाद पीठासीन अधिकारी न्यायालय विशेष सत्र न्यायाधीश पोक्सो रितीश सचदेवा की अदालत ने आरोपी शंकर को गुण दोष के आधार पर 30 वर्ष का कठोर कारावास और 50 हजारों रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है

 

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